25 जून 1975 की उस रात की कहानी, जिसके बाद रेडियों पर PM इंदिरा ने कहा- राष्ट्रपति जी ने आपातकाल की घोषणा की है
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25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई |
25 जून 1975 को संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत आपातकाल की घोषणा की गई | इसके निम्नलिखित प्रभाव हुए
1. सरकार ने हड़तालों, प्रदर्शनों, धरनों, तथा जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया | सरकार से अनुमति प्राप्त किए बिना किसी प्रकार का प्रदर्शन आदि संभव न था |
2. जनसामान्य के नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए गए | मौलिक अधिकारों को लागू करवाने के उद्देश्य से अब कोई नागरिक न्यायालय का सहारा नहीं ले सकता था |
3. भारतीय राजनीति प्रणाली का संघात्मक स्वरूप एकात्मक स्वरूप में परिवर्तित हो गया और संपूर्ण भारत के प्रशासन पर केंद्र सरकार का नियंत्रण स्थापित हो गया | राज्यों की स्वायत्तता समाप्त हो गई थी |
4. समाचार पत्रों पर सेंसरशिप लागू कर दी गई और उन्हें आदेश दिए गए कि वे कुछ भी छापने से पहले सरकार की स्वीकृति लें | इससे प्रेस की स्वतंत्रता समाप्त हो गई |
5. सरकार ने बहुत से दलों तथा समूह पर प्रतिबंध लागू कर दिया r.s.s. तथा जमायते इस्लामी को गैर-कानूनी घोषित कर दिया |
6. प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को बंदी बना लिया गया |
7. संसद ने आपातकाल के दौरान संविधान में संशोधन भी किया | 1976 के 42वें संविधान संशोधन द्वारा एक ही कानून के अंतर्गत, संविधान की अनेक धाराओं में संशोधन किया गया |
8. 42 वें संशोधन के जरिए हुए अनेक परिवर्तनों में एक था - देश की विधायिका के कार्यकाल को 5 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष करना | यह व्यवस्था मात्र आपात काल की अवधि भर के लिए नहीं की गई थी | इसे आगे के दिनों में भी स्थाई रूप से लागू किया जाता था
9. जो नेता नजरबंदी से बचकर भूमिगत हो गए थे वह गुप्त रूप से सरकार के विरुद्ध कार्य करते रहे |
10. जनसाधारण ने आपातकाल के विरोध का एक रास्ता निकाला, गुप्त रूप से पैम्फलेट, न्यूज़ लेटर, हैंड बिल आदि प्रकाशित किए |
11. अनेक बुद्धिजीवियों ने आपातकाल का विरोध सरकार से प्राप्त पदक, उपाधियां आदि लौटाकर किया |
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