डॉ. भीमराव अंबेडकर जी -
जो कुछ मैं कर सका वह जीवन भर मुसीबतें सहन करके विरोधियों से टक्कर लेने के बाद कर पाया हूं | जिस कारवां को आप यहां देख रहे हैं, उसे मैं अनेक कठिनाइयों से यहां ला पाया हूं |अनेक अवरोध, जो इसके मार्ग में आ सकते हैं, के बावजूद इस कारवां को बढ़ते रहना है | अगर मेरे अनुयायी इसे आगे ले जाने में असमर्थ रहे तो उन्हें इसे यहीं पर छोड़ देना चाहिए, जहां पर यह अब है; पर किन्ही भी परिस्थितियों में इसे पीछे नहीं हटने देना है | मेरी जनता के लिए मेरा यही संदेश है |
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी भारतीय दलित आंदोलन एवं सामाजिक न्याय अभियान के इतिहास में एक ऐसा नाम है, जो दूर से ही चमकता है | अनेक कष्ट और परेशानियों को सहते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की तथा दलित व पिछड़े समाज को अपने साथ लेकर उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ी | अपने जीवनकाल में ही उन्होंने पिछड़ों के अनेक अधिकार दिलाएं | अपनी योग्यता के बल पर भारत का संविधान लिखा और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया, दलित व पिछड़े समाज को शिक्षा के लिए प्रेरित किया | उसे विशेष सुविधाएं दिलाई तथा राजनीतिक शक्ति का हथियार थमाकर उसे इतना मजबूत बना दिया कि वह अपना सदियों का खोया मनोबल फिर से प्राप्त कर राष्ट्र की मुख्य धारा में सीना तान के खड़ा हो गया है |
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